निशुल्क दवा : पहले दिन अस्पतालों में अव्यवस्थाएं
जयपुर त्न मुफ्त दवा वितरण योजना के पहले दिन रविवार को प्रदेश के अस्पतालों में अव्यवस्थाएं दिखीं। करौली में जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वयं योजना की शुरुआत की, वहीं पर दोपहर तक दवा खत्म हो गई। योजना का श्रेय लेने की होड़ भी नजर आई। टोंक में राज्यमंत्री अशोक बैरवा ने स्वयं काउंटर पर बैठ कर दवाइयां बांटीं। कोटा में पर्यटन मंत्री बीना काक दवा लेने के लिए कतार में लगीं। कुचामन सिटी (नागौर) के अस्पताल में शिक्षा मंत्री भंवरलाल मेघवाल दवा वितरण का उद्घाटन करने समय से नहीं पहुंचे तो लोगों को दवाइयां नहीं बांटी गईं। पांच घंटे बाद मंत्री के पहुंचने पर मुफ्त दवा बांटी गई। अव्यवस्था का आलम यह रहा कि प्रदेश में किसी भी अस्पताल पर पूरी दवा नहीं पहुंच पाई। कुछ जगहों पर डॉक्टर ने दवा कुछ लिखी और काउंटर से कुछ और दे दी गई।
करौली : 200 दवाएं देने की बात कही गई, लेकिन असल में सेंटरों पर 43 दवाएं ही पहुंच पाई।
जोधपुर : 131 दवाएं ही पहुंचीं। चर्म, नेत्र और सुपर स्पेशियलिटी वाली दवाएं नहीं के बराबर पहुंचीं।
झुंझुनूं : इस्लामपुर में अतिरिक्त प्रभार देख रहे बगड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. जुग लाल बुढानिया को ड्यूटी पर नहीं पहुंचने पर निलंबित कर दिया गया।
उदयपुर : दावा 107 दवाओं का, पहुंची 52 ही। अस्पताल में दवा नहीं थी, लेकिन बाहर से लाने नहीं दिया।
दौसा : बांदीकुई में एक मरीज को पेट दर्द की दवा की जगह नींद की गोलियां दे दी।
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