अधूरी दवा से राहत की आस
जयपुर। आम मरीज पर दवाओं का खर्च कम करने के उद्देश्य से शुरू हुई मुफ्त दवा योजना के दूसरे दिन भी मरीजों को पूरा मरहम नहीं मिल सका। अस्पतालों में दवाइयों की संख्या तो बढ़ी, लेकिन मरीजों की संख्या भी बढ़ने के कारण लम्बी कतारें लगीं नजर आई। देर रात एसएमएस इमरजेंसी में अपनी पत्नी की चोट का इलाज कराने पहुंचे राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक डॉ. समित शर्मा ने ऑपरेशन थियेटर के निकट बने वितरण केन्द्र का कामकाज जांचा।
यहां नहीं, तो चांदी "उनकी"
जैनरिक सॉल्ट नाम से दवा लिखने का फायदा निजी दवा विक्रेताओं को मिल रहा है। अस्पतालों में उपलब्ध सूची में से डॉक्टर दवा तो लिख देता है, लेकिन उन्हें यह पता नहीं होता कि इनमें से कौनसी दवा है या नहीं है। ऎसे में उपलब्ध दवा तो मरीज को केन्द्र से मिल जाती है, लेकिन जो नहीं मिलती, उसके लिए दवा विक्रेता के पास जाना पड़ता है और वह अपनी मर्जी से मरीज को उस सॉल्ट की दवा पकड़ाता है।
तीसरी पर्ची कहां से लाएं
शहर के सभी अस्पतालों में दवाओं के टोटे के चलते पर्चियों पर भी गफलत सामने आई। दरअसल, नई दो पर्ची प्रणाली में एक पर्ची मरीज के पास और दूसरी दवा लेते वक्त वितरण केन्द्र पर देनी होती है। जब पूरी दवाएं एक केन्द्र पर नहीं मिलती तो मरीज को दूसरे केन्द्र पर जाना पड़ता है। लेकिन एक दवा लेते वक्त वह एक पर्ची तो पहले केन्द्र पर दे आता है, ऎसे में दूसरे केन्द्र पर दवा उपलब्ध होने के बावजूद वह जमा कराने के लिए दूसरी पर्ची उसके पास नहीं होती।
...तो 100 एमजी करा ला
दवा भंडार से वितरण केन्द्रों तक ही आपूर्ति लचर है। एसएमएस के एक वितरण केन्द्र पर मुन्नी नामक महिला को तो फार्मासिस्ट ने डॉक्टर से दवा बदल कर लिखा लाने की सलाह दे दी। उसने कहा कि डिक्लोफेनेक 50 एमजी गोलियां डॉक्टर ने लिखी थी। लेकिन ये खत्म हो गई, और आपूर्ति शाम को होगी। अत: मरीज को 50 एमजी के स्थान पर 100 एमजी की गोलियां लिखा कर लाने को कहा गया है।
कुछ पर भीड़, कुछ खाली
एसएमएस अस्पताल में नि:शुल्क वितरण केन्द्रों का बिखराव होने के कारण कुछ वितरण केन्द्रों पर लम्बी कतार लग जाती है। अस्पताल में 8 केन्द्र जहां ओपीडी के समीप ही है, वहीं मुख्यद्वार स्थित 5 उपभोक्ता भंडार भी नि:शुल्क केन्द्र में बदल दिए गए हैं। तीन केन्द्र भूतल में और दो चरक भवन में हैं। लेकिन इनकी जानकारी अस्पताल में नहीं दिए जाने से जनता ओपीडी के समीप ही जूझती रहती है।
मिले थोड़ी छूट
सूची में उपलब्ध दवाएं तो हर समय वितरण केन्द्रों पर होनी ही चाहिए। डॉक्टरों के पास वही सूची होनी चाहिए, जो दवाएं उपलब्ध हैं। जो दवाएं नहीं हैं, उन्हें पहले की तरह लिखने की छूट मिले।
वापस हो पर्चीदूसरे केन्द्र पर यदि मरीज जाता है तो उसका पंजीकरण नंबर और दी हुई दवाएं दर्ज कर पर्ची उसे वापस करने के प्रावधान होना चाहिए। ताकि मरीज के पंजीकरण से उसके उपचार का पता लगाया जा सके।
सुलभ हो आपूर्ति
शुरूआत में ही मरीजों के अनुमान के अनुसार सामग्री केन्द्रों तक पहुंचानी चाहिए। गोदाम से वितरण केन्द्रों तक आपूर्ति हर वक्त सुलभ होनी चाहिए।
मिले जानकारी
अस्पताल में ओपीडी में ही मानचित्र अथवा विभिन्न प्रचार माध्यमों से अस्पताल भर में फैले वितरण केन्द्रों की जानकारी दी जानी चाहिए।
ऑपरेशन में भी दवाओं का टोटा!
सामान्य बीमारियों के लिए जहां सीमित दवाएं मिल रही हैं, वहीं बड़े अस्पतालों में ऑपरेशन के दौरान काम आने वाले निष्चेतन सॉल्ट्स भी टोटे में फंस गए हैं। एसएमएस अस्पताल में नि:शुल्क निष्चेतकों की आपूर्ति अब तक नहीं हुई है।
फार्मासिस्टों की कमी होगी दूर
मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा वितरण में दवा बांटने वालों की कमी झेल रही राज्य सरकार प्रदेश भर के वितरण केन्द्रों के लिए एक हजार से अधिक फार्मासिस्ट भर्ती करने की तैयारी में जुट गई है। यह भर्ती हुई तो करीब 20 सालों बाद प्रदेश में फार्मासिस्टों की स्थायी नियुक्तियां हो सकेंगी। फिलहाल दवा वितरण योजना में भी संविदा आधारित फार्मासिस्टों को लगाया गया है।
सूत्रों के अनुसार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को पूरे प्रदेश से योजना को संचालित करने के लिए कर्मचारियों की कमी की शिकायतें मिल रही थी। इस पर भर्तियों के लिए विभाग की ओर से एक प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग के पास भी भेजा गया है। राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक डॉ. समित शर्मा ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि सरकार करीब 1400 पदों पर भर्ती का विचार कर रही है।
गरीब का इलाज प्राथमिकता-धारीवाल
सांभरलेक. गृह मंत्री शान्ति धारीवाल ने सोमवार को यहां नि:शुल्क दवा वितरण योजना का उद्घाटन करते हुए कहा कि गरीब का इलाज कराना सरकार की प्राथमिकता है। इस अवसर पर सांसद लालचंद कटारिया ने सांभर के विकास के लिए सांसद कोष से 20 लाख देने की घोषणा की।
Thanks To Rajasthan Patrika: Pharma-XL Team
Comments
plz reply
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